इस लेख में हम पानी में उगने वाले पौधों के बारे कुछ बातें जानेगे। वैसे तो सभी पौधे मिटटी में ही उगते है पर लेकिन कुछ पौधे ऐसे भी होते है, जिन्हे मिटटी के साथ साथ पानी की भी आवश्यकता होती है। जैसे :- कमल का फूल मिटटी में तो उगता है, लेकिन उसकी जड़ो को पूर्ण रूप से पानी की आवश्यकता होती है।
इसके अलावा सबसे लोक्रपिय पानी में लगाने वाले पौधो में सबसे पहले मनी प्लांट का नाम आता है। लेकिन ओर भी कई ऐसे पौधे मौजूद है, जिन्हे आप साफ़ पानी में किसी भी बोतल के अंदर अपने घर के अंदर लगा सकते है।
आज आपको जितने भी पोधो के नाम बताये जाएंगे, इनमे से सभी पौधो को आप मिटटी और पानी दोनों में लगा सकते है। इन पौधो को लोग ज्यादातर अपने घरो के अंदर लगाना पसंद करते है। तो चलिए जानते है, जलीय पौधे में कुछ ज़रूरी बातें।
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जलीय पौधे की – परिभाषा
जलीय पौधे वे पौधे हैं जो जलीय वातावरण में रहने के लिए अनुकूलित हो गए हैं। उन्हें शैवाल (algae) और अन्य माइक्रोफाइट्स (microphytes ) से अलग करने के लिए उन्हें हाइड्रोफाइट्स या मैक्रोफाइट्स भी कहा जाता है। मैक्रोफाइट एक पौधा है जो पानी में या उसके पास उगता है और या तो उभरता है, जलमग्न होता या तैरता है।
कुछ हरे-पीले छितरे हुए पत्तों वाले पौधे जल के नीचे उगते (Underwater plants) हैं जैसे हाइड्रा। कुछ फूले हुए तनों और डण्ठलों वाले पौधे जल की सतह पर तैरते हुए मिलेंगे जैसे जलकुम्भी। इसके अलावा आपके परिचित कमल, कुमुदिनी और सिंघाड़े के पौधे भी मिलेंगे जिनका आधा भाग पानी में डूबा हुआ और आधा सतह से ऊपर उठा हुआ रहता है।
कुछ जलीय पौधे तथा उनके बारे में जानकारी :-
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कमल (Lotus) :-
भारत के राष्ट्रीय पुष्प के नाम से जांनने वाले इस पौधे को कई नामो से जाना जाता है| कमल का पौधा पानी में पैदा होता है एवं यह सफ़ेद एवं हल्के गुलाबी रंग के साथ अत्यधिक आकर्षित लगता है| कमल के पौधे के तने अंदर से खोखले होते है एवं पानी या कीचड़ के अंदर तक फैले हुए होते है|
इसकी पत्तियाँ हरे रंग की होती है एवं तने के सिरे पर गांठे होती है जो इसे मजबूती प्रदान करती है| अलग-अलग क्षेत्रों में कमल के फूल विभिन्न रंगो में उपलब्ध होते है एवं दुनिया के लगभग सभी भागों में कमल के फूल पाए जाते है|
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तारो जलीय पौधा (Taro Water Plant):-
इस पौधे की कई वैरायटी उपलब्ध है| यह जलीय पौधा दिखने के काफी सुंदर लगता है किन्तु इसके पुष्प नहीं लगते| इसकी पत्तियां तिकोनी एवं लम्बी होती है एवं यह खुद काफी लम्बाई में बढ़ सकता है| सूरज की रोशनी में यह और भी तेजी से विकास करता है|
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ब्लू Iris :-
यह पौधा नीले-बैंगनी फूलों के साथ दिखने में आकर्षक लगता है एवं पानी में खिलता है| इसकी पत्तियाँ लम्बी एवं हरे रंग की होती है एव यह लगभग कुछ स्थानों पर देखने को मिलता है|
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Sweet Flag:
इस पौधे को Golden Japanese के नाम से भी जाना जाता है| जल में उगने वाला यह पौधा तेजी से बढ़ता है एवं यदि आप वाटर गार्डन पसंद करते है तो इसे वहाँ जरुर पायेंगे| हल्के हरे रंग की लम्बी पतली स्ट्रिप्स के साथ यह हल्के पीले रंग के साथ विकसित होता है| साथ ही इसके पंखुरियों की सुगंध भी काफी अच्छी मानी जाती है।
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मोज़ेक प्लांट (Mosaic Plant) :-
पानी के ऊपर तैरता हुआ यह पौधा पीले रंग के फूलों से भरा होता है| इसकी पत्तियाँ छोटी एवं उनका आकार डायमंड के जैसे होता है| इस पौधे की कई प्रजातिया संसार के अलग-अलग हिस्सों में पाई जाती है| भारत में आपको इसकी कई प्रजातिया देखने को मिल जाती है।
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कार्डिनल फूल (Cardinal Flowers):
गहरे लाल या बरगंडी रंग के तनों वाला यह समान रूप से सुंदर फूल वाला जलीय पौधा आपके बगीचे की शान बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी पत्तियाँ 8 इंच तक लंबी और पूरे पौधे का आकार लगभग 3 फीट तक हो होती है।
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हाइड्रिला पौधे (Hydrilla Plants) :-
हाइड्रिल्ला एक जलीय पौधा है। यह पूरे वर्ष तालाबों में पाया जाता है तथा शरद ऋतु में यह अधिक मात्रा में उगता है। यह जल में २ मीटर की गहराई तक उगता है तथा इसक तना १-२ मीटर लंबा होता है। हाइड्रिल्ला का पौधा कोमल व कुछ हरे पीले रंग का होता है।
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सिंघाड़ा / पानीफल पौधे (Water chestnut plants) :-
सिंघाड़ा जून से दिसंबर के मध्य की फसल है. इसकी खेती के लिए लगभग एक से दो फीट तक पानी की आवश्यकता होती है. निचले खेतों में पानी का भराव करके सिंघाड़े की फसल आसानी से उगाई जा सकती है. जून में पौधे की रोपाई की जाती है और सिंघाड़े की पहली तुड़ाई सिंतबर के महीने में कर सकते है।
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जलपरी का पौधा (Water Lettuce) :-
Water Lettuce अपघटन उपोत्पादों के पानी को साफ करने के लिए बहुत अच्छा है और अक्सर इसका उपयोग मछली और जलीय जीवन के लिए पानी को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है। यह पौधा पानी में सूर्य के प्रकाश को अवरुद्ध करके और शैवाल के खिलने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का उपयोग करके शैवाल के खिलने को भी कम करता है।
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मनी प्लांट (money plant):-
वास्तु में भी मनी प्लांट को धन दायक पौधा कहा गया है।
इसे घर में लगाने से धन-संपदा में वृद्धि होती है। घर में रुपए-पैसों का आगमन सुचारु रुप से बना रहता है। कहते हैं कि मनी प्लांट जितनी हरी-भरी होती है घर में उतनी ही धन वृद्धि होती है।
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निम्फ़ेआ (nymphaea) :-
Nymphaea परिवार Nymphaeaceae में कठोर और कोमल जलीय पौधों की एक प्रजाति है। जीनस का एक महानगरीय वितरण है। कई प्रजातियों की खेती सजावटी पौधों के रूप में की जाती है, और कई किस्मों को पैदा किया गया है। कुछ टैक्सा शुरू की गई प्रजातियों के रूप में होते हैं जहां वे देशी नहीं होते हैं, और कुछ मातम होते हैं।
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कुमुद (Water Lily) :-
कुमुदिनी का पौधा – कुमुदिनी का क्षुप कमल के समान जलज और बड़ा होता है। इसके कन्द से एक या दो या अधिक नलाकार काण्ड निकलकर जल के ऊपर पत्र युक्त हो जाते हैं। कुमुदिनी के पत्ते – पत्र कुछ छोटे 6-10 इंच व्यास के वृत्ताकार होते हैं, अधस्तल पर रोमश होते हैं तथा हरिताभ पीतवर्ण के होते हैं।
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