सोलर उपभोक्ता और टीओडी मीटर का प्रभाव
पुणे में एमएसईडीसीएल (MSEDCL) द्वारा अब तक 31,000 टीओडी मीटर (TOD Meters) लगाए जा चुके हैं। ये “स्मार्ट मीटर” बिजली खपत को रियल-टाइम में रिकॉर्ड करने के लिए डिजाइन किए गए हैं और उपयोग को पीक (अधिकतम खपत) और ऑफ-पीक (न्यूनतम खपत) समय में विभाजित करते हैं। रूफटॉप रेगुलेशंस 2019 के तहत, ऑफ-पीक घंटों (सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक) में खपत की गई बिजली को उसी समय उत्पन्न सौर ऊर्जा से समायोजित किया जाता है। लेकिन पीक आवर्स (शाम 6 बजे से सुबह 9 बजे तक) में खपत की गई बिजली को सौर ऊर्जा उत्पादन के साथ समायोजित नहीं किया जाता, जिससे उपभोक्ताओं को इस अवधि के दौरान अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है।
उपभोक्ता की चिंताएं और वित्तीय प्रभाव
टीओडी मीटरिंग सिस्टम के कारण उपभोक्ताओं को उनकी सोलर इंस्टॉलेशन से मिलने वाले वित्तीय लाभ कम होने की चिंता है। चूंकि सौर ऊर्जा का उत्पादन ज्यादातर ऑफ-पीक घंटों में होता है और घरेलू बिजली की खपत आमतौर पर शाम को अधिक होती है, इस असंतुलन के कारण बचत कम हो जाती है।
दिन के समय उत्पादित अतिरिक्त ऊर्जा का 88% वार्षिक रूप से ₹3-₹3.50 प्रति यूनिट की दर से क्रेडिट किया जाता है, जो कि बाजार दर से काफी कम है। “इस योजना को ‘फ्री पावर’ योजना के रूप में बेचा गया था ताकि बिजली बिल से राहत मिल सके, लेकिन यह व्यवस्था वास्तव में बिलों में मामूली कमी ही लाती है,” एक उपभोक्ता ने कहा।
आधिकारिक प्रतिक्रिया और आगे की रणनीति
एमएसईडीसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, प्रस्तावित टैरिफ बदलावों से पीएम सूर्य घर योजना पर कोई असर नहीं पड़ेगा और जो घर अतिरिक्त बिजली पैदा करेंगे, उन्हें उचित मुआवजा दिया जाएगा। हालांकि, इस योजना की वर्तमान संरचना उपयोगिता कंपनियों के पक्ष में झुकी हुई प्रतीत होती है, जिससे रूफटॉप सोलर अपनाने के प्रति उपभोक्ताओं का उत्साह कम हो सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि योजना का असली उद्देश्य पूरा करना है, तो टीओडी मीटरिंग नीतियों की समीक्षा की जानी चाहिए ताकि उपभोक्ताओं को उनके नवीकरणीय ऊर्जा निवेश के लिए उचित मुआवजा मिल सके और वे किसी भी प्रकार के वित्तीय नुकसान से बच सकें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
क्या पीएम सूर्य घर योजना में टीओडी मीटर शामिल हैं?
टीओडी मीटर बिजली खपत को पीक और ऑफ-पीक घंटों में विभाजित करते हैं। ऑफ-पीक घंटों में उत्पादित सौर ऊर्जा को उस समय की खपत से समायोजित किया जाता है, लेकिन पीक घंटों की खपत को अलग से चार्ज किया जाता है। इस वजह से उपभोक्ताओं को अपेक्षित लाभ में कमी आ सकती है।
अतिरिक्त उत्पन्न सौर ऊर्जा के लिए मुझे कितना मुआवजा मिलेगा?
अतिरिक्त उत्पन्न ऊर्जा का 88% वार्षिक रूप से क्रेडिट किया जाता है, जिसकी कीमत ₹3 से ₹3.50 प्रति यूनिट है।
क्या टीओडी मीटर के साथ पीएम सूर्य घर योजना अभी भी फायदेमंद है?
योजना का उद्देश्य मुफ्त बिजली प्रदान करना है, लेकिन टीओडी मीटरिंग सिस्टम के कारण बचत में कमी आ सकती है, क्योंकि उपभोक्ताओं को पीक आवर्स में चार्ज किया जाता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि उपभोक्ता अपनी बिजली खपत की आदतों पर नजर रखें और नीतिगत बदलावों के बारे में अपडेट रहें।
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