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पेड़ों की कटाई: बीएमसी ने आईएनएस त्राता में अनुमति के लिए नौसेना को पत्र लिखा

बीएमसी ने नौसेना से मांगा प्रमाण पत्र

बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने आधिकारिक रूप से भारतीय नौसेना से दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा है ताकि यह प्रमाणित किया जा सके कि आईएनएस त्राता, वर्ली में पेड़ों की कटाई के लिए ट्री अथॉरिटी की मंजूरी ली गई थी। यह मामला तब उठा जब यह दावा किया गया कि लगभग 100 पेड़ों को नौसैनिक क्वार्टरों के निर्माण के लिए काटा गया है।

अवैध पेड़ कटाई की शिकायत

स्थानीय निवासी एडवोकेट वाई. पी. सिंह ने 31 जनवरी को एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि नौसेना ने बीएमसी की ट्री अथॉरिटी से आवश्यक अनुमति लिए बिना पेड़ों की कटाई की। इस पर कार्रवाई करते हुए, 17 फरवरी को जी साउथ वार्ड के असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ गार्डन्स ने वेस्टर्न नेवल कमांड को पत्र लिखकर इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा।

महाराष्ट्र (शहरी क्षेत्र) वृक्ष संरक्षण और संरक्षण अधिनियम, 1975 के तहत, मुंबई में किसी भी पेड़ को बिना बीएमसी की ट्री अथॉरिटी की पूर्व मंजूरी के नहीं काटा जा सकता।

नौसेना का पेड़ों की कटाई पर जवाब

मुंबई के रक्षा जनसंपर्क अधिकारी, कैप्टन मेहुल कर्णिक ने इन आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि आईएनएस त्राता में 100 से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई का दावा “तथ्यात्मक रूप से गलत” है। उन्होंने बताया कि भारतीय नौसेना वहां अपने कर्मियों के लिए दो आवासीय टावरों का निर्माण कर रही है।

कैप्टन कर्णिक के अनुसार, रक्षा मंत्रालय (MoD) ने इस निर्माण कार्य और इससे प्रभावित 73 पेड़ों की कटाई की आवश्यक अनुमति दी थी। उन्होंने यह भी बताया कि पर्यावरण और तटीय नियामक क्षेत्र (CRZ) की मंजूरी भी प्राप्त की गई थी और नौसेना ने कटे हुए पेड़ों की संख्या से दोगुने पेड़ उपयुक्त स्थान पर लगाने की योजना बनाई है।

बीएमसी की चल रही जांच

जी साउथ वार्ड के डिप्टी सुपरिटेंडेंट ऑफ गार्डन्स, अविनाश यादव ने पुष्टि की कि बीएमसी को पेड़ काटने की कोई अनुमति आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है।

स्थल निरीक्षण के दौरान मिट्टी के ढेर पाए गए, लेकिन पेड़ों की कटाई के कोई ठोस प्रमाण, जैसे लकड़ी के लट्ठे, नहीं मिले। बीएमसी ने रक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी किया है और उपग्रह चित्रण और नगरपालिका वृक्ष जनगणना के माध्यम से पेड़ों की वास्तविक संख्या का सत्यापन करने की योजना बनाई है।

कानूनी और पर्यावरणीय परिणाम

एडवोकेट सिंह ने जोर देकर कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न फैसलों के अनुसार, पेड़ काटने के लिए ट्री अथॉरिटी की पूर्व अनुमति आवश्यक है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि यह भूमि बीएमसी के संपत्ति विभाग की है, जिसे नौसेना को विशिष्ट उद्देश्यों के लिए आवंटित किया गया था।

इसके अलावा, सिंह ने इस पर चिंता जताई कि बिना अनुमति पेड़ों की कटाई और खुदाई के कारण पर्यावरण कानूनों, टाउन प्लानिंग विनियमों और CRZ मानदंडों का उल्लंघन हो सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1: बीएमसी ने आईएनएस त्राता में नौसेना की पेड़ कटाई पर सवाल क्यों उठाया?

A1: बीएमसी ने एक शिकायत के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें कहा गया था कि लगभग 100 पेड़ों को बिना ट्री अथॉरिटी की पूर्व अनुमति के काट दिया गया।

Q2: भारतीय नौसेना ने इन आरोपों पर क्या कहा?

A2: भारतीय नौसेना ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि केवल 73 पेड़ों की कटाई की गई और इसके लिए रक्षा मंत्रालय की मंजूरी प्राप्त थी। इसके अलावा, उन्होंने पर्यावरण और CRZ मंजूरी भी ली थी और दो गुना अधिक पेड़ लगाने का वादा किया है।

Q3: बीएमसी इस मामले की जांच कैसे करेगी?

A3: बीएमसी ने स्थल निरीक्षण किया है, रक्षा अधिकारियों को नोटिस भेजा है, और उपग्रह चित्रण तथा नगर वृक्ष जनगणना के माध्यम से प्रभावित पेड़ों की संख्या का सत्यापन करने की योजना बनाई है।

Q4: यदि बिना अनुमति पेड़ काटने की पुष्टि होती है, तो क्या परिणाम होंगे?

A4: बिना अनुमति पेड़ काटना एक कानूनी अपराध है और यह महाराष्ट्र (शहरी क्षेत्र) वृक्ष संरक्षण और संरक्षण अधिनियम, 1975 का उल्लंघन करता है। यदि पुष्टि होती है, तो कानूनी कार्रवाई के अलावा, उत्तरदायी व्यक्ति या संस्था को प्रतिपूरक वनीकरण करना पड़ सकता है।

Q5: इस घटना का पर्यावरण और टाउन प्लानिंग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

A5: बिना अनुमति की गई पेड़ कटाई और संबंधित निर्माण गतिविधियां पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन कर सकती हैं, जिससे स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान हो सकता है।

पर्यावरण नियमों का पालन आवश्यक

यह विवाद पर्यावरण नियमों के अनुपालन और विकास कार्य शुरू करने से पहले उचित मंजूरी प्राप्त करने की आवश्यकता को उजागर करता है। नागरिकों और पर्यावरणविदों से सतर्क रहने और सतत शहरी विकास को सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय भागीदारी की अपील की जाती है।

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