Law and Government

दिल्ली की शराब नीति पर CAG रिपोर्ट ने उठाए सवाल – CAG की 4 बड़ी खोजें; AAP-BJP में टकराव

CAG की मुख्य निष्कर्ष

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की हालिया रिपोर्ट में दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 में गंभीर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, इस नीति के कारण दिल्ली सरकार को लगभग ₹2,002.68 करोड़ का राजस्व नुकसान हुआ है। रिपोर्ट के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:

1. लाइसेंस जारी करने में अनियमितताएँ

  • थोक विक्रेताओं, निर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं को एक साथ लाइसेंस जारी किए गए, जिससे एकाधिकार (Monopoly) और ब्रांड प्रमोशन का खतरा बढ़ गया।
  • इससे कुछ कंपनियों को अनुचित लाभ मिला और बाजार में प्रतिस्पर्धा प्रभावित हुई।

2. थोक विक्रेताओं का मुनाफ़ा बढ़ाना

  • थोक विक्रेताओं का मार्जिन 5% से बढ़ाकर 12% कर दिया गया।
  • इस बढ़ोतरी को गुणवत्ता परीक्षण प्रणाली और अन्य खर्चों की भरपाई के रूप में जायज ठहराया गया, लेकिन वास्तव में कोई प्रयोगशाला स्थापित नहीं की गई

3. खुदरा लाइसेंस जारी करने में लापरवाही

  • खुदरा शराब लाइसेंस जारी करने में सॉल्वेंसी, वित्तीय विवरण और आपराधिक पृष्ठभूमि की उचित जांच नहीं की गई
  • इस लापरवाही के कारण कई अयोग्य संस्थाओं को लाइसेंस मिल गए, जिससे आबकारी नीति की विश्वसनीयता पर सवाल उठे।

4. विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों की अनदेखी

  • नीति निर्माण के दौरान विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया गया।
  • समिति ने सुझाव दिया था कि थोक व्यापार को सरकारी एजेंसी द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए, लेकिन इसे निजी कंपनियों को सौंप दिया गया।

5. तीन निजी कंपनियों का वर्चस्व

  • दिल्ली की कुल शराब आपूर्ति का 71% केवल तीन निजी थोक विक्रेताओं के हाथों में था।
  • इससे एकाधिकार की स्थिति बन गई, जिससे शराब बाजार पर कुछ चुनिंदा कंपनियों का नियंत्रण हो गया।

6. गुणवत्ता परीक्षण में खामियाँ

  • आबकारी विभाग ने ऐसे संगठनों को लाइसेंस जारी किए, जिन्होंने पर्याप्त गुणवत्ता परीक्षण रिपोर्ट जमा नहीं की
  • कुछ कंपनियाँ भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के दिशा-निर्देशों का पालन करने में भी असफल रहीं।

राजनीतिक घमासान: AAP बनाम BJP

CAG रिपोर्ट के खुलासों के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ गया है।

  • BJP का आरोप: पार्टी ने दावा किया कि AAP सरकार ने जानबूझकर इन अनियमितताओं को छिपाया और जनता के धन का दुरुपयोग किया
  • AAP का बचाव: आम आदमी पार्टी ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि यह रिपोर्ट विरोधियों द्वारा साजिशन इस्तेमाल की जा रही है।

विधानसभा में हंगामा

CAG रिपोर्ट पेश होने के बाद, दिल्ली विधानसभा में विपक्षी दलों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

  • BJP ने AAP सरकार से जवाबदेही की मांग की, जिसके चलते सदन में तीखी बहस हुई।
  • विधानसभा अध्यक्ष ने शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन दोनों पक्षों के बीच नोकझोंक जारी रही।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

1. CAG रिपोर्ट में दिल्ली की शराब नीति से जुड़े क्या खुलासे हुए हैं?

रिपोर्ट में लाइसेंस जारी करने में अनियमितताएँ, थोक विक्रेताओं का मुनाफ़ा बढ़ाना, गुणवत्ता परीक्षण में खामियाँ और तीन निजी कंपनियों के वर्चस्व जैसे गंभीर मुद्दे उजागर हुए हैं।

2. इस रिपोर्ट के बाद राजनीतिक दलों की क्या प्रतिक्रिया रही है?

BJP ने AAP सरकार पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं, जबकि AAP ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है।

3. विधानसभा में इस मुद्दे पर क्या हुआ?

CAG रिपोर्ट पेश होते ही विधानसभा में हंगामा हुआ, विपक्षी दलों ने सरकार से जवाबदेही की मांग की और सदन में तीखी बहस हुई।

4. CAG रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सरकार को कितना राजस्व नुकसान हुआ?

रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली सरकार को लगभग ₹2,002.68 करोड़ का नुकसान हुआ है।

5. दिल्ली की शराब नीति में तीन निजी कंपनियों का वर्चस्व किस प्रकार था?

तीन निजी थोक विक्रेताओं ने दिल्ली की कुल शराब आपूर्ति का 71% नियंत्रित किया, जिससे बाजार में एकाधिकार की स्थिति उत्पन्न हुई।

आपकी राय क्या है?

क्या आपको लगता है कि दिल्ली सरकार को शराब नीति में सुधार करने की जरूरत है? नीचे कमेंट करें और अपने विचार साझा करें!

Related Posts

1 of 13