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अंबानी ने खुदरा डिवीजन में की कटौती, वैल्यूएशन बढ़ाने के लिए नौकरियों में छंटनी तेज: रिपोर्ट

मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) ने संभावित आईपीओ (IPO) से पहले कंपनी का वैल्यूएशन बढ़ाने के उद्देश्य से नौकरियों में कटौती और स्टोर बंद करने जैसी रणनीतियां अपनाई हैं। यह कदम ऑपरेशंस को मजबूत, लाभप्रदता बढ़ाने और कंपनी को पब्लिक लिस्टिंग के लिए तैयार करने के लिए उठाए गए हैं।

प्रभावशीलता उपाय और स्टोर बंदी

रिलायंस रिटेल ने गैर-लाभकारी स्टोर्स को बंद कर अपनी लाभप्रदता बढ़ाने का निर्णय लिया है। FY25 की पहली तिमाही में कंपनी ने लगभग 230 स्टोर्स बंद किए, जो ऑपरेशंस को व्यवस्थित करने और मार्जिन में सुधार करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। यह कदम कंपनी की पब्लिक लिस्टिंग से पहले प्रदर्शन को मजबूत करने की योजना का हिस्सा है।

नौकरी में कटौती और वर्कफोर्स ऑप्टिमाइजेशन

RRVL ने कर्मचारियों की संख्या में कमी करने का निर्णय लिया है। FY24 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने रिटेल सेगमेंट में लगभग 38,000 कर्मचारियों की छंटनी की, जो कंपनी की 11% कार्यबल की कटौती को दर्शाता है। यह कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन और ऑपरेशनल एफिशिएंसी को बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है, जिससे कंपनी को आईपीओ से पहले वित्तीय रूप से अधिक सक्षम बनाया जा सके।

आईपीओ टाइमलाइन और रणनीतिक पहलू

मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल के आईपीओ को लेकर योजनाएं फिलहाल 2025 के बाद तक स्थगित कर दी गई हैं। कंपनी अपनी आंतरिक परिचालन चुनौतियों को हल करने और रिटेल फॉर्मेट को एकीकृत करने पर ध्यान दे रही है, जिससे आईपीओ को सफल बनाया जा सके

रिलायंस रिटेल की बाजार स्थिति

हालांकि, आंतरिक बदलावों के बावजूद, रिलायंस रिटेल की बाजार में मजबूत पकड़ बनी हुई है। कंपनी भारत में 3,000 से अधिक सुपरमार्केट संचालित करती है और ई-कॉमर्स सहित विभिन्न रिटेल फॉर्मेट में भी विस्तार कर चुकी है। ये रणनीतियां कंपनी के वैल्यूएशन को बढ़ाने और निवेशकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से लागू की जा रही हैं।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

रिलायंस रिटेल स्टोर्स बंद और नौकरियों में कटौती क्यों कर रही है?

कंपनी गैर-लाभकारी स्टोर्स को बंद कर रही है और ऑपरेशंस को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर रही है, ताकि आईपीओ से पहले वैल्यूएशन को मजबूत किया जा सके

रिलायंस रिटेल का आईपीओ कब आएगा?

रिलायंस रिटेल का आईपीओ 2025 के बाद संभावित है, क्योंकि कंपनी फिलहाल आंतरिक परिचालन सुधारों और व्यवसाय मॉडल के एकीकरण पर काम कर रही है।

बाजार में रिलायंस रिटेल की स्थिति कैसी है?

आंतरिक पुनर्गठन के बावजूद, रिलायंस रिटेल भारत में सबसे बड़े ग्रॉसरी नेटवर्क का संचालन कर रही है और ई-कॉमर्स सहित कई रिटेल प्रारूपों में अपनी स्थिति मजबूत बनाए हुए है।

आपकी राय क्या है?

रिलायंस रिटेल की रणनीतिक पहल को लेकर आप क्या सोचते हैं? क्या यह कदम कंपनी के वैल्यूएशन और बाजार में पकड़ को मजबूत करेंगे? अपनी राय नीचे कमेंट में साझा करें और इस आर्टिकल को अपने नेटवर्क में शेयर करें!

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