गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने से होने वाले नुकशान

यह तथ्य बिल्कुल सच हैं। की गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने से ना ही केवल हमारे स्वास्थ पर हानिकारक प्रभाव पड़ता हैं बल्कि हमारे साथ हमारी पैदा होने वाली संतान पर भी इसका काफी दुष्परिणाम पड़ता हैं।  अगर आप अपने आप की  और आपने होने वाले बच्चे की एक अच्छी स्वास्थ की कामना रखते हो, तो इसको छोड़ना एक अच्छा विकल्प हो सकता हैं।  धूम्रपान को छोड़ने में परेशानी जरूर हो सकती हैं।  परन्तु  देर नहीं। सिगरेट आपके बच्चे तक पर्याप्त ऑक्सीजन को पहुँचने में बाँधा बनती हैं। जिसकी वजह से बच्चे के दिल को धड़कने के लिए अधिक बल का प्रयोग करना पड़ता हैं।

 

गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने से  बच्चे के स्वास्थ पर पड़ने वाले असर

 

गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान से बच्चे पर असर

गर्भावस्था के समय आपके साथ आपका बच्चा भी धूम्रपान करता हैं।

हर के सिगरेट मे लगभग 4000 से भी अधिक रसायन पाए जाते हैं।  जो अगर एक बार आपके फेफड़ो में निकोटीन टार नामक हानिकारक जहर और कार्बन मोनोऑक्साइड प्लेसेंटा से पार पा लेते हैं, तो यह ज़हर आपके बच्चे तक बड़ी आसानी से पहुँच जाते हैं।  जिसकी वजह से बच्चे के स्वास्थ पर यह कुछ असर पड़  सकते हैं।

 

  • समय से पहले जन्म देने की सम्भावना
  • विकलांक
  • सुनाई ना देना
  • हडियों का कमजोर होना
  • अपूर्ण विकास
  • वजन कम होने की संभावना
  • सिंड्रोम से मृत्यु होने का डर
  • न्यूरोलॉजिकल डेवलपमेंट में बाधा,
  • एंडोक्राइन डिसफंक्शन और ऑन्कोजेनेसिस

 

यह कुछ ऐसी समस्याए हैं , जो बच्चे को जन्म के साथ या जन्म के बाद धीरे असर करती हैं

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गर्भावस्था के समय धूम्रपान को छोड़ने के फायदे

गर्भावस्था के समय धूम्रपान को छोड़ने के फायदे

धूम्रपान छोड़ने के तुरंत बाद आप देखेंगे की आपको अपने शरीर में से हानिकारक गैस कार्बन मोनोऑक्साइड और टार नामक हानिकारक गैस से और अन्य बाकी हानिकारक गैसों से छुटकारा मिलने लगेगा।

 

  • गर्भावस्था और जन्म से संबधित हर कठनाई कम हो जाएगी।
  • एक स्वस्थ गर्भावस्था और अच्छे स्वस्थ बच्चे की संभावना बढ़ जयेगी।
  • जन्म के दौरान माता और बच्चे दोनों की मृत्यु से बचने की संभावना भी बढ़ जयेगी।
  • धूम्रपान करने वाली महिलाओं के बच्चे अन्य बाकी बच्चो से 200g कम पाया जाता हैं, परन्तु धूम्रपान छोड़ने के बाद बच्चे का बजन एक सामन्य  बच्चे जीतना होता हैं ।
  • सिंड्रोम जिसे कोट डेथ (cot death ) भी कहा जाता हैं जिसका मतलब अकस्मात तरीके से हुई मृत्यु का खतरा भी कम या टल जाता हैं।

 

गर्भावस्था के समय धूम्रपान को छोड़ने के यह कुछ फायदे होते है। जिन बच्चो के माता पिता अगर अपने जीवन में शौकिया तोर से या आदत के रूप में सेवन करते हैं, तो उनको अस्थमा या ऐसे गंभीर रोग होने की बहुत अधिक सम्भवना होती हैं।  जिसकी वजह से उनको अस्प्ताल में भर्ती होने जरूरत पड़ती हैं।  आप इसे जितना जल्दी हो सके तो छोड़ दो अगर आप इसको  गर्भावस्था से 2  हफ्ते पहले भी छोड़ते हैं।  तब भी आपके होने बच्चे के लिए यह लाभ दायक होगा।

 

 

धूम्रपान को छोड़ने के तरीके :-

धूम्रपान को छोड़ने के तरीके

वैसे तो धूम्रपान को छोड़ने के अनेको कारण हैं। परन्तु हमरा लक्ष्य केवल तम्बाकू को छुड़वाने का ही नहीं हैं एक अच्छा स्वस्थ और इछाशक्ति को बढ़ावा देना भी हैं। इसलिए हमने इस लेख में बुरी आदतों से दूर करने वाली कुछ ख़ास विधियो का उल्लेख किया हैं जिनको अपने जीवन में उपयोग कर के आप एक स्वस्थ शरीर के साथ लाभदायक जीवन व्यापन कर सकते हैं।

 

  • ट्रिगर होने से बचना :- आपको तम्बाकू धूम्रपान जैसी चीजों से ट्रिगर होने से बचने के लिए आपको ऐसी जगहो पर जाने से बचना चाहिए।  अगर आप तनाव पूर्ण स्थिति से गुजर रहे हैं तो आपको रणनीति का बनानी चाहिए इनसे निपटने के लिए, यदि आपको फोन पर  बात करते करते सिगरेट पिने की आदत हैं, तो आपको एक कागज पेन लेकर उस पैर अपने आप को व्यस्त रखना होगा।

 

  • मुँह को व्यस्त रखे :- जब आप धूम्रपान का छोड़ने का प्रयतन कर रहे होते हैं।

तो आपको जब धूम्रपान करने का मन करे तो आपको कुरकुरे, बादाम, चने, चीयुगम आदि चबाते रहना         चाहिए।  जिससे आपको काफी मदद मिले गई।

 

  • लाभकारी विचारो को बार बार याद करना :- जब आप खाली होते तो आपके विचार विपरीत दिशा में जाते हैं। पर उस समय निचे दिए गए लाभदायक विचारो को याद करते रहना चाहिए। जैसे –

1- में स्वस्थ हो रहा हु

2- कमाई की बचत में इजाफा हो रहा हैं।

3-  मेरी वजह से वायु प्रदुषण नहीं हो रहा।

4- परिवार खुश हैं।

 

ऐसे कई लाभकारी विचार होते हैं जो आपको सोचते रहने से आपको बहुत मदद करे गे।

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  • व्यायाम करना शारीरक गतिविधियां करना :- जब आपको ऐसी लालसा हो रही होती हैं। तब आपको अपने शरीर से काम करवाते रहना चाहिए।  जैसे – टहलना सीढ़ियों से ऊपर निचे होना या जिम में जा कर  कसरत करनी चाहिए।

 

  • निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरपी :- इस थेरपी के लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना होगा।

1- स्प्रे  या इन्हेलर का ईस्तमाल करना।

2- नुस्खे वाली दवाइयाँ लेना

3- ओवर द काउंटर भी दवाइयाँ उपलब्ध हैं।