आज का आधुनिक युग डिजिटल का है जिसके माध्यम से कुछ ही समय में बड़े से बड़े काम को मिनटों में पूरा क्या जा सकता है उसी का एक भाग फास्टैग है जिसमें वाहन के चलने के दौरान सीधे टोल भुगतान करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का उपयोग होता है।फास्टैग एक प्रकार की चिप जैसा उपकरण होता है जो चार पहिये वाले वाहन के सामने चिपका होता है और ग्राहक के सीधे फास्टैग से जुड़े खाते को टोल भुगतान करने में सक्षम बनाता है।
भारतीय टोलिंग आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (NETC) कार्यक्रम विकसित किया गया है। उसमे फास्टैग द्वारा समय की बचत और गाड़ी चालक के लिए ज्यादा लाभदायक साबित होता हैं राष्टीय सेवाओं के अंतर्गत टोल भुगतान समस्या का समाधान प्रदान करता है। इंटरऑपरेबिलिटी, जैसा कि यह नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (NETC) सिस्टम पर लागू होता है, सभी कार्यो, व्यावसायिक नियमों और तकनीकी विशिष्टताओं को एक सामान्य श्रेणी में रखता है जो ग्राहक को किसी भी टोल प्लाजा पर भुगतान करने के लिए उसे जिम्मेदार नागरिक बनाता है
भारत में फ़ास्टैग( Fastag) की शुरूआत
भारत में फास्टैग कार्ड की शुरुआत को पहले मुंबई और अहमदाबाद के बीच लागू किया गया था जिसको साल 2014 में लागू क्या गया था। तथा हाईवे पर पड़ने वाले टोल टैक्स प्लाजा को मान्यता दी गई। उसके उपरांत अगले साल 2015 में जुलाई के महीने में दूसरे राष्टीय हाईवे चेन्नई और बेंगलुरु के बीच इसको लागू किया गया । सब बातों को अगर ध्यान में रखा जाए तो वर्तमान भारत में लगभग 332 टोल प्लाजा पर फास्टैग की शुरुआत हो चुकी है। जिसके द्वारा गाड़ी चालकों को किसी भी टोल पर किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि तकनीकी माध्यम से FASTag को सफलता पूर्वक लागू क्या जा चुका है अगर पूर्ण तरह से लागू करने की बात है तो इसको . सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा 1 दिसंबर 2019 को पूरे भारतवर्ष में लागू क्या गया था जो वन नेशन वन फास्टैग’ योजना (स्कीम )से प्रभावित है |
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टोल टैक्स क्या होता है ?
विकास गति बहुत तेज़ी से बढ़ रही है जिसको देखते हो हुए सरकार विभिन राज्यों के बीच हाईवे के माध्यम से लगातार संपर्क बनाने में लगी हुई है जिसके अंतर्गत बहुत सारे पैसो को निवेश किया जाता है खर्च हुए पैसों की वसूली राजमार्ग के टोल टैक्स द्वारा ही जाती है राष्ट्रीय टोल पर पूरा नियंत्रण नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) का होता है जब आप भी अपने वाहन को किसी राष्ट्रीय हाईवे से लेकर जाओगे तो वहां आपको हर 60 किलोमीटर बाद टोल टैक्स मिलेगा और जहाँ आपको राशि के तौर पर शुल्क का भुगतान करना पड़ता है
टोल टैक्स लेने के कारण
टोल टैक्स से आई हुई राशि का इस्तेमाल नई सड़कों के निर्माण कार्य ओर रखरखाव के लिए क्या जाता है आये हुए शुल्क से सरकार नये नये हाईवे बनाने की योजना पर भी लगातार ध्यान केंद्रित करती है तथा जो हानि हाईवे बनाते समय पर्यावरण को हुई है उसकी भरपाई भी टोल टैक्स के कुछ पर्सेंट रूपए से की जाती है
फ़ास्टैग( Fastag) से होने वाले फायदे -:
1) सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को टोल देने वाली लंबी गाड़ियों की लंबी लाइनें और जाम जैसी गंभीर समस्या से राहत प्रदान करता है
2) खुले पैसो की समस्या से निपटारा
3) समय का कम लगना
4) गाड़ी में लगने वाले पेट्रोल, डीजल आदि ईंधन की बचत होना
5) फ़ास्टैग जैसे लाभों के साथ-साथ कैशलेस भुगतान की सुविधा प्रदान करता है
6) ऑनलाइन भुगतान करने के बाद कभी कभी कैशबैक की सुविधा का मिलना
फास्टैग चिप (उपकरण) लेने के लिए जरूरी दस्तावेज की सूची-:
जब आपको FASTag अकाउंट खोलना होगा तो उसके लिए आपको कुछ दस्तावेजो की जरूरत पड़ेगी जो
आपको FASTag दिलाने आपकी सहायता करेंगे जो नीचे निम्नलिखित दिए गए है |
1) गाड़ी चालक या मालिक का एक पासपोर्ट साइज की फोटो
2) गाड़ी के पंजीकरण प्रमाणपत्र की आवश्यकता
3)आधार कार्ड,पेन कार्ड,राशन,पहचान पत्र आदि दस्तावेज,जिनमे किसी की भी (KYC) हो रखी हो
FASTag रिचार्ज कितने का कर सकते है ?
राष्ट्रीय कार्पोरेशन के द्वारा इसकी कीमत 100 तक रखी गई है जिसका भुगतान आसानी पूर्वक क्या जा सकता है इसके बाद इसमें कम से कम 200 रुपये तक की सिक्युरिटी को जमा करना पड़ता है
FASTag को कहाँ से खरीदा जाता है ?
जैसा कि ऊपर बताया गया उसके फायदे और दस्तावेज के बारे मे उसी प्रकार अब मै आपको FASTag खरीदने का prosissior बताऊँगा अगर आपको FASTag खरीदना है ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से तो आप निम्नलिखित बैंकों से खरीद सकते है जो इस प्रकार है सिंडिकेट बैंक, एक्सिस बैंक, आईडीएफसी बैंक, एचडीएफसी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, और इक्विटास बैंक शामिल हैं.आदि द्वारा आपको FASTag आसानी पूर्वक मिल जाएगा इसके अलावा आप पॉइंट ऑफ सेल लोकेशन पर जा कर ऑफलाइन का रास्ता चुन सकते है तथा paytm, अमेज़न पे ऐप से भुगतान करके भी FASTag को जीरो कॉस्ट में खरीद सकते हो |
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FASTag कैसे खरीदे?
1) सबसे पहले आपको अपने फोन में एक कोई भी भुगतान से संबंधित ऐप को डाउनलोड करना है
2) उसके बाद नेट बैंकिंग अकाउंट में लॉगिन करके उसे ओपन करना है
3) ओपन करने के बाद pay के ऑप्शन के बाद FASTag को चुनें .
4)फिर अपना गाड़ी नंबर को डाले .इसके बाद प्रोसेस पर क्लिक करें
5) अंत मे अपनी इच्छानुसार राशि चुनकर अपने FASTag का भुगतान करे
फास्टैग उपकरण (कार्ड )कैसे बनता है ?
फास्टैग कार्ड बनवाने के लिए आपको पहले सरकार द्वारा निर्धारित की गई 66 बैंको में से किसी भी बैंक में खाता खुलवाना जरुरी है |उसके बाद ही आप फास्टैग कार्ड बनवाने के काबिल हो पाएंगे तथा वाहन मालिक को फास्टैग बनवाने के लिए अपने जरुरी दस्तावेजों को साथ ले जाना भी जरुरी है वो भी उस बैंक में जहाँ उसका खाता पहले से ही मौजूद हो ताकि उसको फास्टैग कार्ड बनवाने के समय किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना करना पड़े |
फास्टैग में SMS की सुविधा का होना
वाहन चालकों के लिए राष्ट्रीय सरकार द्वारा फास्टैग से जुडी एक जरुरी सुविधा दी जाती है जब भी फास्टैग चिप वाले वाहन किसी भी टोल प्लाजा को पार करेंगे तो फास्टैग खाते से उनके शुल्क कटने का एक SMS उनके पास तुरंत आ जायेगा जो वाहन चालक को यह जानकारी देगा की उसकी फास्टैग खाते से कितनी राशि को काटा गया है ताकि जानकारी प्राप्त करने के बाद वह अपने खाते में शेष राशि को जान सके |
निष्कर्ष
हम आशा करते है की आपने ऊपर दी गई जानकारी को ध्यानपूर्वक पड़ लिया होगा और आसानी से समझ गए होंगे की कैसे फास्टैग को ख़रीदा जाता है | कैसे इसकी शुरुआत राज्यों से होते होते पूरे भारत में लागू हुई | बाद इसको खरीदने के लिए कौन कौन से दस्तावेज़ों की जरुरत पड़ती है तथा वाहन चालक को क्या क्या फायदे मिलते है हमने इसमें आपको रिचार्ज से जुड़ी सभी कीमतों को बताया है अगर इसके बाद भी आपको कोई परेशानी है तो आप कमेंट करके प्रश्न पूछ सकते है और इस जानकारी को सभी के साथ शेयर भी कर सकते है |
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