ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जी.पी.एस) एक रूट सैटेलाइट फ्रेमवर्क है। यह उपग्रह Satellites के एक संगठन से संबंधित है। जी.पी.एस संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग द्वारा बनाया गया था। सबसे पहले, यह कल्पना के किसी भी हिस्से से काम नहीं करता था। वैसे भी, यह पूरी तरह से 26 अप्रैल 1959 को शुरू किया गया था। सबसे पहले, जी.पी.एस फ्रेमवर्क विशेष रूप से सेना के लिए शुरू किया गया था। फिर भी, वर्ष 1980 में इसे सामान्य निवासियों के लिए भी शुरू कर दिया गया था।
जी.पी.एस एक अंतरिक्ष आधारित सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम फ्रेमवर्क है, जो मौसम के पैटर्न और समय का जानकारी देता है। इसमें 24 उपग्रहों का एक संगठन शामिल है, जो अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा पृथ्वी के घेरे में स्थापित किए गए हैं। इसकी सबसे खास बात यह है कि जी.पी.एस पूरी दुनिया में कहीं भी काम करता है। इसके अलावा, यह किसी भी जलवायु और स्थिति में उपयोग किया जाता है। जी.पी.एस का उपयोग करने के लिए किसी भी निवासी को कोई शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है, यह पूरी तरह से नि: शुल्क संगठन है।
GPS का फुल फॉर्म क्या होता है?
GPS का पूरा नाम होगा – ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम। इसके अलावा, जी.पी.एस का हिंदी नाम ग्लोबल लोकेशन सिस्टम है। इसमें तीन खंड शामिल हैं, अंतरिक्ष, उपयोगकर्ता और नियंत्रण। इसका उपयोग रूट और टाइमिंग की जानकारी के लिए किया जाता है।
जी.पी.एस कैसे काम करता है?
जी.पी.एस फ्रेमवर्क 24 सैटेलाइट की मदद से काम करता है। उपग्रहों की यह भीड़ पृथ्वी की बाहरी परत से 12,000 मील की दूरी पर अंतरिक्ष में उपलब्ध है। उपग्रहों की यह भीड़ बारह घंटे में पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाती है, उनकी गति असाधारण रूप से तेज होती है। हर एक उपग्रह को अंतरिक्ष में इस तरह से फैलाया जाता है कि वह पूरी तरह से पृथ्वी को ढक लेता है।
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जी.पी.एस ढांचा तीन मानक विभाजन ढांचे से संबंधित है, जिसमें तीन ढांचे अंतरिक्ष खंड, नियंत्रण खंड और उपग्रह से जुड़े उपयोगकर्ता खंड हैं। जब भी हम किसी क्षेत्र की तलाश करते हैं, तो उपग्रह चिन्ह सबसे पहले पृथ्वी पर आता है, उसके बाद यह चिन्ह रिसीवर को प्राप्त होता है, और रिसीवर भी इनकी दूरी और मौसम का अनुमान लगाता है। इतने सारे हिस्सों के बाद, जी.पी.एस की मदद से आपने जो जानकारी देखी है, वह आपके पास आती है। जी.पी.एस काम करने का यही तरीका है।
आप जी.पी.एस से परिचित हो गए हैं, हालांकि, क्या आपको कम से कम इस बात का अंदाजा है कि जी.पी.एस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि क्या है? GPS से पहले, LORAN और Deca नेविगेटर 1940 के दशक के दौरान बनाए गए थे, जिनका उपयोग द्वितीय विश्व युद्ध में किया गया है। जी.पी.एस तब बनाया गया था जब सोवियत संघ ने मूल रूप से 1957 में स्पुतनिक(Sputnik) को रवाना किया था। जी.पी.एस से जुड़ी एक पूछताछ यह भी बनी हुई है, जी.पी.एस किसने बनाया? जी.पी.एस अमेरिकी शोधकर्ताओं के एक समूह द्वारा बनाया गया था जो स्पुतनिक(Sputnik) के रेडियो प्रसारण देख रहे थे।
जी.पी.एस सेगमेंट का मौलिक निर्माण हिंदी में
GPS तीन सेगमेंट्स पर कार्य करता है, जो की इस प्रकार है –
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अंतरिक्ष खंड (Space Segment)
जी.पी.एस उपग्रह पृथ्वी की सतह से लगभग 20,000 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी के चारों ओर घूमते हैं। यह अंतरिक्ष में 24 उपग्रहों का योग है, जो छह ऑर्बिट के समूह में हैं। एक ऑर्बिट में चार जी.पी.एस सैटेलाइट होते हैं।
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नियंत्रण खंड (Control Segment)
कण्ट्रोल सेगमेंट के तहत, उपग्रहों के प्रत्येक मंडल को देखा जाता है, यह देखने के लिए कि अंतरिक्ष में ऑर्बिट से उपग्रहों के साथ कोई समस्या है या नहीं। क्या जी.पी.एस टाइमिंग लेवल के अंदर काम कर रहा है?
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ग्राहक खंड (User Segment)
यूजर सेगमेंट को जी.पी.एस रिसीवर भी कहा जाता है, उनकी क्षमता उपग्रहों द्वारा भेजे गए संकेत को प्राप्त करने की है।
जी.पी.एस का उपयोग
जी.पी.एस कुल मिलाकर पांच उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है। जो निम्न के अनुसार है –
- क्षेत्र (Location) – किसी स्थान के क्षेत्र या स्थिति को ट्रैक करने के लिए।
- मार्ग (Navigation) – एक स्थान से शुरू होकर दूसरे स्थान पर पहुँचने या पहुँचाने के लिए।
- निम्नलिखित (Tracking) – किसी भी वास्तु या व्यक्तिगत गतिविधि पर नजर रखना।
- योजना बनाना (Mapping) – दुनिया के मार्गदर्शक बनाना।
- समय (Timing) – विशिष्ट समय का पता लगाना।
जी.पी.एस के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
जी.पी.एस किसने बनाया?
जी.पी.एस का अविष्कार Ivan A. Getting, Bradford Parkinson, और Roger L. Easton ने मिलकर किया था।
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जी.पी.एस के पीछे क्या प्रेरणा है?
ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जी.पी.एस) को आर्मी के जवानों की सटीक स्थिति जानकारी देने के लिए बनाया गया था। फिर भी, वर्तमान में इसका उपयोग आम लोग भी करते हैं। इसके अलावा इसका इस्तेमाल सटीक टाइमिंग के लिए भी किया जाता है।
सेल फोन पर जी.पी.एस कितना सटीक क्षेत्र दिखाता है?
इस घटना में कि आप एक खुली जगह में हैं, यह लगभग 16 फीट की दायरे के भीतर विशिष्ट क्षेत्र को दर्शाता है। किसी भी मामले में, यदि आप वहां हैं जहां विशाल संरचनाएं, पेड़ और मचान हैं। ऐसे स्थान पर जी.पी.एस की सटीकता बिखर जाती है।
क्या जी.पी.एस हर जगह काम करता है?
ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जी.पी.एस) एक सैटेलाइट आधारित रूट फ्रेमवर्क है। जिसमें 24 सैटेलाइट शामिल हैं। यह किसी भी तरह की परिस्थिति में काम करता है। जी.पी.एस का इस्तेमाल किसी भी तरह के माहौल में किया जा सकता है। इसी तरह, यह ग्रह के सभी क्षेत्रों में 24 घंटे काम करता है।
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