IPO क्या है

आईपीओ का फुल फॉर्म

I– Initial         प्रारंभिक

P- Public        सार्वजनिक

O- Offering     प्रस्ताव

आईपीओ जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर या स्टॉक को जनता के लिए ऑफर करती है | इस प्रक्रिया में Company के सभी शेयर Public के पास होते है, इसके बदले में कंपनी जनता से कुछ Fund इकठ्ठा करती है। इस प्रोसेस में कोई सी भी कंपनी अपने शहर आम लोगों के लिए ऑफर करती है जिससे की इनके शेयर से Public सीधे Trading कर सके, और कंपनी को फायदा हो। इसके अलावा कुछ कंपनियां अपने शेयर Bank के माध्यम से Offer करती है। कंपनियां अपने अलग-अलग तरह के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए मार्केट में अपना IPO (Initial Public Offering )लॉन्च करती हैं। यहां आप समझ गए होंगे की IPO क्या है और कैसे काम करता है।

IPO Investment

जब कोई कंपनी दिन प्रतिदिन आगे बढ़ती है तो कंपनी को और ज्यादा विस्तार की आवश्यकता होती है वह अपनी कंपनी को आगे बढ़ने के लिए एक शहर से दूसरे शहर मै भी अपना विस्तार करना चाहती है तो उस कंपनी को ज्यादा लोगो की जरुरत होगी इसी लिए कंपनी अपना आईपीओ लाती है.

आईपीओ में निवेश कैसे करें

आईपीओ में निवेश करने के लिए हमें इसे खरीदना होता है, हमें पहले इसे कंपनी की तरफ से रजिस्टर करना होता है और भुगतान करके इसे खरीद सकते हैं, लेकिन याद रखें कि आईपीओ खरीदने से पहले जिस कंपनी का आईपीओ आप खरीदना चाहते हैं, उसे पूरा करना होगा। जानकारी मिलने के बाद अब निवेश का रास्ता आसान हो गया है. Read more article Hindiqa.

आप आसानी से IPO में निवेश कर सकते हैं, जब भी कोई कंपनी अपना IPO जारी करती है, तो वह कंपनी कम से कम 3 दिनों के लिए देती है और अधिकतम 10 दिनों के लिए जारी की जाती है, जिसका अर्थ है कि कोई भी व्यक्ति 3 आप 10 दिनों के भीतर कभी भी IPO खरीद सकते हैं और यह यह सब कंपनियों पर निर्भर करता है कि वे कितने दिनों के लिए अपना आईपीओ जारी कर रहे हैं, कई कंपनियां 3 दिनों के लिए आईपीओ जारी करती हैं और कई कंपनियां 10 दिनों के लिए जार जारी करती हैं।

IPO कितने प्रकार के होते हैं 

IPO दो प्रकार के होते है-

  1. Fixed Price Offering

कंपनी अपने आईपीओ की कीमत पहले ही घोषणा कर देती है  इसका मतलब है कि IPO की पेशकश करने वाले एक Fixed Price में भाग लेने वाले सभी निवेशकों को आवेदन करते समय पूरी राशि का भुगतान करना होता है।

2. Book Building Offering

यहां, कंपनी अपने स्टॉक की कीमत 20% बैंड पर पेश करती है और निवेशकों से अपने शेयरों की अंतिम कीमत तय करने के लिए अपनी बोली लगाने के लिए कहती है। बदले में, निवेशकों को उस राशि को Decide करने की ज़रूरत होती है जो वे भुगतान करने को तैयार हैं, और साथ ही वे जितने भी शेयर खरीदना चाहते हैं।

निवेशकों द्वारा प्रदान की जाने वाला Lowest Price को Floor Price कहा जाता है, जबकि Highest Bid Price को Cap Price के रूप में जाना जाता है।

आपको यह समझना चाहिए कि इस तरह के IPO के अंदर, कंपनी के स्टॉक की Pricing सीधे निवेशकों की बोली प्रक्रिया पर ही निर्भर करती है।

IPO Kya Hai

आईपीओ से पैसे कैसे कमाए ?

दोस्तों, आईपीओ ना सिर्फ जनता के लिए पैसा कमाने का मौका होता है बल्कि किसी भी कंपनी के लिए भी यह ढेर सारा पैसा इकट्ठा करके अच्छी जगह invest करने का मौका देता है।

IPO मार्केट में ला के ही आज के समय में कई नई कंपनी अपने बिजनेस के infrastructure, growth, employers hiring में ज्यादा पैसा लगा रहे हैं जिससे उनका बिजनेस कई गुना बढ़ जा रहा है। बैंक में लोन लेने से अच्छा है कि अच्छी ipo जनता को दी जाए।

आईपीओ में लगाए गए सभी पैसे डायरेक्ट parent company के पास जाता है जिस पर सरकार किसी तरह का चार्ज नहीं काटता है, ऐसे में आपका पूरा लगाया हुआ पैसा इन्वेस्ट होता है।

एक बार जब कंपनी के शेयर को trade करने की सरकार द्वारा परमिशन मिल जाती है तब जितना भी लाभ या घाटा होगा, उसके लिए investors खुद ही जिम्मेदार होंगे। अगर कंपनी को घाटा हुआ तो आपका ही पैसा डूबेगा वहीं अगर कंपनी प्रॉफिट में आती है तो आपको बराबर की हिस्सेदारी मिलेगी।