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जोगीघोपा इनलैंड वाटरवे टर्मिनल से व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, पीएम ने सराहा

जोगीघोपा, असम में इनलैंड वाटरवे टर्मिनल (IWT Terminal) का उद्घाटन क्षेत्रीय संपर्क और व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अत्याधुनिक टर्मिनल, जो 18 फरवरी 2025 को खोला गया, भारत में इनलैंड वाटरवे इन्फ्रास्ट्रक्चर को बदलने के लिए तैयार है और पड़ोसी देशों भूटान और बांग्लादेश के साथ आर्थिक संपर्क को बढ़ावा देगा।


जोगीघोपा IWT टर्मिनल का रणनीतिक महत्व

जोगीघोपा इनलैंड वाटरवे टर्मिनल ब्रह्मपुत्र नदी (नेशनल वाटरवे-2) पर स्थित है और इसके स्थान की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ हैं:

  • भूटान से निकटता: यह गेलेफू से मात्र 91 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिससे तेज़ और सुविधाजनक व्यापार मार्ग संभव हो सकेगा।
  • बांग्लादेश से सीधी कनेक्टिविटी: यह नौवहन संपर्क (Shipping Connectivity) प्रदान करता है, जिससे परिवहन लागत और समय की बचत होगी।
  • मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक्स पार्क (MMLP) का हिस्सा: यह विभिन्न परिवहन साधनों के माध्यम से माल की निर्बाध आवाजाही को सक्षम बनाता है।

भूटान और बांग्लादेश के साथ व्यापार संबंधों को मजबूती

इस टर्मिनल का उद्घाटन त्रिपक्षीय व्यापार संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण परिणाम है। केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और भूटान के वित्त मंत्री ल्योनपो नामग्याल दोरजी ने एक जहाज को हरी झंडी दिखाई, जिसमें 110 मीट्रिक टन कोयला और स्टोन चिप्स बांग्लादेश भेजे गए। यह व्यापार में सुधार लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे:

  • निर्यात-आयात (Export-Import) कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा: भारत, भूटान और बांग्लादेश के बीच सस्ता और कुशल माल परिवहन सुनिश्चित किया जाएगा।
  • क्षेत्रीय आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा: यह असम और इसके आसपास के क्षेत्रों में निवेश और आर्थिक वृद्धि का इंजन बनेगा।

सरकार का इनलैंड वाटरवे के विकास के प्रति संकल्प

जोगीघोपा टर्मिनल भारत के इनलैंड वाटरवे को पुनर्जीवित करने की एक बड़ी योजना का हिस्सा है। इनलैंड वाटरवे डेवलपमेंट काउंसिल (IWDC) ने अगले पांच वर्षों में ₹50,000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव रखा है ताकि राष्ट्रीय जलमार्गों के बुनियादी ढांचे को उन्नत किया जा सके। इस निवेश से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें:

  • नए राष्ट्रीय जलमार्गों का विकास: ₹23,000 करोड़ नए जलमार्ग परियोजनाओं और ग्रीन शिपिंग को बढ़ावा देने के लिए आवंटित किए गए हैं।
  • 62 नए जेट्टी (Jetties) का निर्माण: विभिन्न राज्यों में बेहतर डॉकिंग सुविधाएँ प्रदान करने के लिए नए जेट्टी बनाए जा रहे हैं।
  • जहाज मरम्मत सुविधाओं (Ship Repair Facilities) की स्थापना: यह जहाजों के रखरखाव और परिचालन दक्षता सुनिश्चित करेगा।

सरकार की ये परियोजनाएँ जलमार्ग बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने और परिवहन के सतत तरीकों को बढ़ावा देने के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।


FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q: जोगीघोपा IWT टर्मिनल क्यों महत्वपूर्ण है?

A: यह टर्मिनल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगा और भूटान एवं बांग्लादेश से आने-जाने वाले माल की आवाजाही को सुगम बनाएगा। साथ ही, यह क्षेत्रीय व्यापार के लिए एक प्रमुख वितरण केंद्र (Distribution Hub) के रूप में काम करेगा।

Q: यह नया टर्मिनल पड़ोसी देशों के साथ व्यापार में कैसे मदद करेगा?

A: यह निर्यात-आयात गतिविधियों को आसान और कम लागत वाला परिवहन विकल्प प्रदान करेगा, जिससे भूटान और बांग्लादेश के साथ आर्थिक संबंधों को मजबूती मिलेगी

Q: भारत के इनलैंड वाटरवे के लिए भविष्य की क्या योजनाएँ हैं?

A: अगले पांच वर्षों में सरकार ₹50,000 करोड़ का निवेश करेगी ताकि नए राष्ट्रीय जलमार्गों, जेट्टी और जहाज मरम्मत सुविधाओं का निर्माण किया जा सके और भारत के इनलैंड वाटरवे नेटवर्क का विस्तार किया जा सके


आपकी राय क्या है?

जोगीघोपा इनलैंड वाटरवे टर्मिनल के उद्घाटन से भारत के व्यापार और बुनियादी ढांचे के विकास में एक नई क्रांति आई है। इस नई सुविधा से क्षेत्रीय व्यापार और परिवहन पर क्या प्रभाव पड़ेगा? नीचे कमेंट करें और अपनी राय साझा करें!

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