कश्मीर में गैर-संचारी रोगों (NCDs) की स्क्रीनिंग अभियान को आज और अधिक तेज़ कर दिया गया है। यह महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य पहल 20 फरवरी 2025 से 31 मार्च 2025 तक चलेगी, जिसमें 30 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी व्यक्तियों की मधुमेह, उच्च रक्तचाप और तीन सामान्य प्रकार के कैंसर (मुख, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा) के लिए स्क्रीनिंग की जाएगी।
एनसीडी स्क्रीनिंग अभियान के मुख्य बिंदु
1. घर-घर समुदाय तक पहुंच
- प्रशिक्षित आशा (ASHA), एएनएम (ANM) और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग करेंगे, जिससे अधिकतम लोगों तक पहुंच सुनिश्चित हो सके।
2. आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति की उपलब्धता
- राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में बीपी मॉनिटर, ग्लूकोमीटर और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी, जिससे स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच और उपचार आसान हो सके।
3. रियल-टाइम निगरानी (Real-Time Monitoring)
- प्रत्येक दिन स्क्रीनिंग, उपचार और फॉलो-अप डेटा NP-NCD पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही बनी रहे।
4. बहु-स्तरीय समन्वय (Multi-Level Coordination)
- अभियान के सुव्यवस्थित संचालन के लिए प्रत्येक स्तर (फैसिलिटी, ब्लॉक, जिला और राज्य) पर नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।
5. दैनिक प्रगति की समीक्षा
- हर दिन शाम 6 बजे तक सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय को प्रस्तुत करेंगे, जिससे प्रगति की निगरानी की जा सके और आवश्यक तकनीकी सहायता दी जा सके।
जम्मू और कश्मीर में एनसीडी का बढ़ता बोझ
हाल के अध्ययनों के अनुसार, जम्मू में मधुमेह का कुल प्रसार 18.9% है, जिसमें शहरी क्षेत्रों में 26.5% और ग्रामीण क्षेत्रों में 14.5% मामले पाए गए हैं। इसके अलावा, 35.5% लोग प्री-डायबिटीज से ग्रसित हैं।
कश्मीर घाटी में हुए एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि –
- 31.08% वयस्क तंबाकू का सेवन करते हैं
- 28.4% लोग कम शारीरिक गतिविधि करते हैं
- 17.5% को उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) है
ये आंकड़े व्यापक स्क्रीनिंग और हस्तक्षेप कार्यक्रमों की अत्यधिक आवश्यकता को दर्शाते हैं।
स्थानीय स्तर पर अभियान का कार्यान्वयन
कश्मीर के सभी जिलों में यह स्क्रीनिंग अभियान सक्रिय रूप से चलाया जा रहा है। जिला डोडा में यह अभियान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) जम्मू-कश्मीर के मिशन निदेशक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक (जम्मू) की देखरेख में संचालित किया जा रहा है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर स्क्रीनिंग शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, और पहचान किए गए स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित लोगों की उचित देखभाल की जा रही है।
जल्दी पहचान का महत्व
समय पर हस्तक्षेप क्यों जरूरी है?
गैर-संचारी रोगों (NCDs) के मामले में जल्दी पहचान सबसे महत्वपूर्ण होती है। यदि मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों का समय पर पता चल जाए, तो इन्हें नियंत्रित किया जा सकता है और जटिलताओं को रोका जा सकता है।
यह अभियान लोगों को अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक करने और बीमारी के बोझ को कम करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।
आह्वान (Call to Action)
कश्मीर में रहने वाले सभी 30 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग निःशुल्क स्क्रीनिंग के लिए अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएं।
- जल्दी पहचान से बेहतर इलाज और स्वस्थ जीवन संभव है।
- इस महत्वपूर्ण जानकारी को अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
1. कश्मीर में एनसीडी स्क्रीनिंग अभियान कितने समय तक चलेगा?
यह अभियान 20 फरवरी से 31 मार्च 2025 तक चलेगा।
2. इस स्क्रीनिंग के लिए कौन पात्र है?
30 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी लोग इस स्क्रीनिंग में भाग ले सकते हैं।
3. इस अभियान के तहत किन बीमारियों की जांच की जा रही है?
यह स्क्रीनिंग मधुमेह, उच्च रक्तचाप और तीन प्रकार के कैंसर (मुख, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा) के लिए की जा रही है।
4. मैं इस स्क्रीनिंग में कैसे भाग ले सकता हूं?
आपको अपने नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर इस अभियान के तहत जांच करवानी होगी।
5. क्या स्क्रीनिंग के लिए कोई शुल्क देना होगा?
नहीं, यह स्क्रीनिंग पूरी तरह से निःशुल्क सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर की जा रही है।
अधिक जानकारी के लिए अपने स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।