राजशाही की वापसी की भावना बढ़ रही है
नेपाल के अंतिम राजा ज्ञानेंद्र शाह, जिन्हें 19 साल पहले सत्ता से हटा दिया गया था, को वापस लाने की मांग अब फिर से जोर पकड़ रही है। बड़ी संख्या में नेपाली नागरिकों का मानना है कि मौजूदा गणतांत्रिक प्रणाली उनकी उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी है, जिससे वे राजशाही की ओर लौटने की मांग कर रहे हैं।
हाल के महीनों में, काठमांडू में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए हैं, जिनमें हजारों लोग राजशाही की बहाली के समर्थन में सड़कों पर उतरे। 9 मार्च 2025 को, 10,000 से अधिक राजतंत्र समर्थक काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाहर एकत्र हुए, जब पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह पश्चिम नेपाल के दौरे से लौट रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने झंडे लहराए और नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र घोषित करने और राजशाही बहाल करने की मांग की। हालांकि, इन विरोध प्रदर्शनों के बावजूद किसी भी प्रकार की हिंसा की सूचना नहीं मिली।
राजशाही बहाली आंदोलन के पीछे मुख्य कारण
नेपाल में राजशाही की वापसी के समर्थन में कई कारक काम कर रहे हैं:
1. राजनीतिक अस्थिरता
- 2008 में राजशाही समाप्त होने के बाद से नेपाल में 13 सरकारें बदल चुकी हैं, जिससे राजनीतिक अस्थिरता की धारणा बनी हुई है।
2. आर्थिक निराशा
- बहुत से नागरिकों का मानना है कि गणतांत्रिक व्यवस्था आर्थिक सुधार लाने में असफल रही है, जिससे व्यापक असंतोष उत्पन्न हुआ है।
3. सांस्कृतिक पहचान
- ऐतिहासिक रूप से, राजशाही नेपाल की हिंदू पहचान से जुड़ी रही है।
- धर्मनिरपेक्ष गणराज्य बनने के बाद, कई लोग पारंपरिक मूल्यों को फिर से अपनाने की इच्छा व्यक्त कर रहे हैं।
आगे का रास्ता: चुनौतियां और संभावनाएं
हालांकि जन समर्थन बढ़ रहा है, लेकिन राजशाही की बहाली में कई बाधाएं हैं:
1. संवैधानिक चुनौतियां
- नेपाल का वर्तमान संविधान गणराज्य को मान्यता देता है, जिससे राजशाही की पुनर्स्थापना में कानूनी अड़चनें आ सकती हैं।
2. राजनीतिक विरोध
- प्रमुख राजनीतिक दल राजशाही की वापसी का विरोध कर रहे हैं, इसे लोकतंत्र के लिए खतरा मानते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q: नेपाल में राजशाही को क्यों समाप्त किया गया था?
A: 2008 में राजा ज्ञानेंद्र के निरंकुश शासन के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके बाद नेपाल को संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित कर दिया गया।
Q: वर्तमान राजशाही समर्थक प्रदर्शनों के पीछे मुख्य कारण क्या हैं?
A: सरकार की राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक संकट, और नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र बनाने की इच्छा इन प्रदर्शनों को बढ़ावा दे रहे हैं।
Q: क्या नेपाल में राजशाही की वापसी संभव है?
A: हालांकि जनता का एक वर्ग इसका समर्थन कर रहा है, लेकिन संवैधानिक और राजनीतिक बाधाओं के कारण निकट भविष्य में इसकी संभावना कम है।
नेपाल में शासन प्रणाली को लेकर बहस लगातार जारी है। बढ़ता हुआ राजशाही समर्थक आंदोलन नेपाल की राजनीतिक और सांस्कृतिक संरचना में गहरी समस्याओं को उजागर करता है।
📢 आप क्या सोचते हैं? क्या नेपाल में राजशाही वापस आनी चाहिए, या गणराज्य को और मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए? अपनी राय नीचे कमेंट में साझा करें और इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा में शामिल हों! 🚀